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भारतीय रिज़र्व बैंक (RBI) ने 6 जून 2025 को अपनी मौद्रिक नीति बैठक में रेपो दर में 50 आधार अंकों (0.50%) की कटौती की, जिससे यह दर 5.50% हो गई। यह पिछले पांच वर्षों में सबसे बड़ी कटौती है और 2025 में तीसरी बार दरों में कमी की गई है।
📉 जमा दरों पर प्रभाव
इस कटौती से बैंकों की जमा दरों में गिरावट की संभावना है, क्योंकि बैंकों की फंडिंग लागत कम होगी। हालांकि, जमा दरों में यह बदलाव तुरंत नहीं होगा। विशेषज्ञों के अनुसार, जमा दरों में पूर्ण परिवर्तन होने में 6 से 9 महीने लग सकते हैं, क्योंकि बैंकों को मौजूदा जमा योजनाओं और प्रतिस्पर्धा के चलते सावधानीपूर्वक कदम उठाने होंगे।
🏦 बैंकों की प्रतिक्रिया
कुछ बैंकों ने पहले ही जमा दरों में कटौती शुरू कर दी है। उदाहरण के लिए, सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों ने फरवरी 2025 के बाद से जमा दरों में 6 आधार अंकों की कमी की है, जबकि विदेशी बैंकों ने 15 आधार अंकों तक की कटौती की है। हालांकि, निजी बैंकों ने अभी तक दरों में कोई महत्वपूर्ण परिवर्तन नहीं किया है।
💡 निवेशकों के लिए सुझाव
फिक्स्ड डिपॉजिट (FD) निवेशक: यदि आप FD में निवेश करने की योजना बना रहे हैं, तो मौजूदा उच्च दरों पर निवेश करना फायदेमंद हो सकता है, क्योंकि भविष्य में दरों में और गिरावट की संभावना है।
लोन लेने वाले ग्राहक: रेपो दर में कटौती से होम लोन, ऑटो लोन और अन्य ऋणों की ब्याज दरें कम हो सकती हैं, जिससे आपकी EMI घट सकती है।
विविध निवेश विकल्प: ब्याज दरों में गिरावट के चलते, निवेशकों को म्यूचुअल फंड्स, बॉन्ड्स या अन्य विकल्पों पर भी विचार करना चाहिए, जो बेहतर रिटर्न दे सकते हैं।
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Posted : Jun 06, 2025