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RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती

ज़रूर! यहां आपको RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती और होम लोन पर उसके असर की पूरी जानकारी हिंदी में दी जा रही है:

🔻 RBI द्वारा रेपो रेट में कटौती का मतलब क्या है?
रेपो रेट (Repo Rate) वह दर होती है जिस पर RBI (भारतीय रिजर्व बैंक) देश के बैंकों को अल्पकालिक ऋण देता है। जब RBI इस दर को घटाता है, तो बैंक सस्ते ब्याज पर पैसे ले सकते हैं। इसका सीधा असर होम लोन, कार लोन और पर्सनल लोन जैसी चीजों पर पड़ता है।

🏦 रेपो रेट में कटौती से होम लोन पर क्या असर होता है?
   ईएमआई कम हो सकती है:
रेपो रेट में कटौती होने पर बैंक अपनी ब्याज दरें घटाते हैं जिससे आपकी होम लोन EMI कम हो सकती है।

🕒 लोन की अवधि घटाई जा सकती है:
कुछ मामलों में EMI समान रहती है लेकिन लोन जल्दी खत्म हो जाता है।

📈 नए लोन लेना सस्ता हो जाता है:
जो लोग अभी नया लोन लेना चाहते हैं, उन्हें कम ब्याज दर पर लोन मिल सकता है।

📉 उदाहरण:
मान लीजिए आपका ₹30 लाख का होम लोन है जिसकी ब्याज दर 9% है। यदि रेपो रेट में 0.50% (50 बेसिस प्वाइंट) की कटौती होती है और BANK उतना ही लाभ को आगे को बढ़ा देता है, तो नई ब्याज दर 8.5% हो जाती है । इससे हर महीने की EMI को करीब ₹800–₹1,000 की राहत मिल सकती है।

💡 रेपो रेट कम होने पर क्या करें?
यदि आपका लोन फ्लोटिंग रेट पर है तो यह कटौती अपने-आप लागू हो सकती है।

बैंक से संपर्क करें कि उन्होंने आपके लोन पर नई दर लागू की है या नहीं।

दूसरे बैंक से लोन ट्रांसफर (Balance Transfer) पर भी विचार करें अगर वे सस्ती दर दे रहे हों।

📌 नवीनतम अपडेट (जून 2025):
मान लीजिए RBI ने रेपो रेट को 6.50% से घटाकर 6.00% कर दिया है। तो इस फैसले से लगभग सभी प्रमुख बैंक धीरे-धीरे अपनी ऋण दरें कम करेंगे।

Posted : Jun 07, 2025